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एक बेहतर शिक्षक की भूमिका और डिजिटल शिक्षा की दिशा

शिक्षा संवाद” पॉडकास्ट – विशेष अतिथि: तन्मय श्रीवास्तव सर विषय: एक बेहतर शिक्षक की भूमिका और डिजिटल शिक्षा की दिशा 

🗣️ होस्ट:
“आज शिक्षा जगत के पॉडकास्ट में हमारे साथ जुड़ रहे हैं तन्मय श्रीवास्तव सर। सर, नमस्कार! बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए एक एक बेहतर शिक्षक की भूमिका और डिजिटल शिक्षा की दिशा:-

👨‍🏫 तन्मय श्रीवास्तव:
“सबसे पहले तो इस मंच पर जुड़ने का अवसर देने के लिए आप सभी को धन्यवाद।
शिक्षा को प्रभावी बनाने के लिए सबसे पहली आवश्यकता है जन अभियान – अभिभावकों और बच्चों से नियमित संपर्क। हर शिक्षक को अपने विद्यालय की पहचान खुद बनानी होगी और एक बेहतर शिक्षक की भूमिका – जिसे निभानी होगी आज के दौर में।

🧭 सर जोड़ते हैं:
“जहाँ तक हमारी पहुंच नहीं है – जैसे दूरदराज के क्षेत्र या अनुपस्थित छात्र – वहाँ तक डिजिटल प्लेटफॉर्म के ज़रिए पहुँचना जरूरी है। हमें टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके डिजिटली कनेक्ट होना चाहिए।”आज के डिजिटल युग में शिक्षा का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। पारंपरिक पढ़ाई के तरीके जहां बच्चों को सिर्फ रटने तक सीमित रखते हैं, वहीं विज़ुअल लर्निंग बच्चों को विषय की गहराई तक समझने में मदद करता है। जब बच्चे किसी विषय को चित्र, चार्ट, वीडियो या एनिमेशन के माध्यम से देखते हैं, तो वह जानकारी उनके दिमाग में लंबे समय तक बनी रहती है।

🏠 जन संपर्क की बात पर:
“हाँ, हमने घर-घर जाकर संपर्क किया। क्योंकि नामांकन बढ़ेगा तो विद्यालय और शिक्षक की भूमिका का दोनों का नाम रोशन होगा। एक बेहतर शिक्षक की भूमिका और डिजिटल शिक्षा की दिशा शिक्षक की पहचान छात्रों की ज़ुबानी बनती है – अगर छात्र कहें कि ‘ये सबसे अच्छा शिक्षक है’ – तो वही असली सफलता है।”

📹 वीडियो और पॉडकास्ट का सुझाव:
“जब बच्चों की पढ़ाई किसी कारण से छूट जाती है, तो वीडियो एक समाधान बन जाता है।
और अगर हम शिक्षकों की पहचान, उनकी पढ़ाई की शैली को अभिभावकों तक पहुँचाएं – पॉडकास्ट या वीडियो के माध्यम से – तो उनका हम पर विश्वास और गहराएगा।”

शोध बताते हैं कि मनुष्य जो देखता है, वह अधिक समय तक याद रखता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी गणितीय सूत्र को केवल शब्दों में पढ़ाया जाए, तो बच्चे जल्दी भूल सकते हैं। लेकिन यदि उसी सूत्र को विज़ुअल डायग्राम या ग्राफ के ज़रिए समझाया जाए, तो वे न केवल उसे याद रखेंगे, बल्कि समझ भी पाएंगे।

विज़ुअल लर्निंग सिर्फ समझ को गहरा नहीं करता, बल्कि बच्चों की रुचि भी बढ़ाता है। यह तरीका उन्हें सक्रिय बनाता है और वे खुद सीखने की ओर प्रेरित होते हैं। खासतौर पर विज्ञान, भूगोल और इतिहास जैसे विषयों में विज़ुअल टूल्स बच्चों को वास्तविकता से जोड़ते हैं।

इसलिए शिक्षकों और माता-पिता दोनों को चाहिए कि वे बच्चों को पढ़ाने में चित्रात्मक व डिजिटल माध्यमों का अधिक प्रयोग करें। इससे न सिर्फ सीखना रोचक होगा, बल्कि बच्चों की सोचने और समझने की क्षमता भी बढ़ेगी।

2025 में एक बेहतर शिक्षक की भूमिका और डिजिटल शिक्षा की दिशा

👨‍👩‍👧‍👦 अभिभावक क्या समझेंगे?
“अगर उन्हें पता हो कि गणित कौन पढ़ाता है, विज्ञान कौन पढ़ाता है, तो वे बच्चों के लिए अधिक सजग रहेंगे। जब हम डिजिटली जोड़ेंगे, तो फिजिकल दूरी कोई बाधा नहीं रहेगी।”

🧒 बच्चों को कैसे प्रभावित करें?
“उन्हीं की भाषा में, उन्हीं के नजरिए से उन्हें समझाइए। आज के डिजिटल युग में केवल किताबें नहीं – कार्टून, चित्र, और विडियो – इन सबके माध्यम से समझाया जाए तो शिक्षा जीवन भर याद रहती है और 2025 में एक बेहतर शिक्षक की भूमिका और डिजिटल शिक्षा की दिशा वास्तविकता हैं।

📺 डिजिटल टीचिंग पर:
“हमारे विद्यालय में अब डिजिटल टीवी से भी पढ़ाई शुरू हो गई है। हम चाहते हैं कि और भी छात्र आएं, एडमिशन लें और खुद देखें कि हम शिक्षा को कैसे जीवंत और समझने योग्य बना रहे हैं।” बच्चों को विषय की गहराई समझने और सीखने के लिए विज़ुअल माध्यमों के जरिए जोड़ना जरूरी है, ताकि उनके कॉन्सेप्ट्स सिर्फ याद न हों, बल्कि अच्छी तरह से स्पष्ट भी हों

🎯 समापन संदेश:
“2025 में एक शिक्षक का प्रभाव केवल कक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि समाज, अभिभावक और तकनीक के साथ मिलकर एक नई दिशा देना होता है। हम सब मिलकर यही कर रहे हैं – और आगे भी करते रहेंगे।”

https://youtu.be/BDHeKmQqU0k?si=1GyVubGR9XPPYPcm

🔐 सुझाव (To Strengthen Ownership)

यह सामग्री तन्मय श्रीवास्तव सर और शिक्षा संवाद टीम की मौलिक बातचीत पर आधारित है। इसका पुनःप्रकाशन बिना अनुमति के प्रतिबंधित है।

“Original Podcast Script by me tanmay srivastava, All Rights Reserved ©2025”

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